Tuesday, June 29, 2010

करले शामिल मुझे तू अपने ख्वाबों में,
रात तेरी शायद और भी रंगीन हो जायेगी,
छह कर भी तेरे दरस कर नहीं सकता रातों को,
की उद्द गयी है नींद मेरी बाद तुझसे मिलने के

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