Sunday, June 27, 2010

मन की कसक हम किसे बताएं
दिखता ही नहीं कोई जो हमें समझ पाए
लिखते हैं हम सिर्फ इस्सी उम्मीद पर
की शायद वोह इससे पढ़े और हमारे दिल की बात जान जाएँ

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