Friday, July 2, 2010

पत्थरों के इस शहर में,
इंसान ढूँढ़ते हैं.
अरमानों की गलियों में,सुकून तलाशते हैं,
अजनबी बने उसकी गलियों में भटकते हैं,
,और खुद को उसकी चाहतों में ढूँढ़ते हैं